देवास। गत तीन दिनों पूर्व नगर निगम सभापति चुनाव में पत्रकारों को कवरेज के लिए निगम कार्यालय में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था। जबकि अनाधिकृत लोगों का प्रवेश जारी रहा था। उस दौरान कवरेज के लिए दो-तीन पत्रकारों को चुनावी प्रक्रिया के विडियो, फोटो लाने के लिए भी अनुामति पत्रकारों ने चाही तो जिला प्रशासनिक अधिकारियों ने अपनी हठधर्मिता दिखाते हुए मना कर दिया। उसके बाद पत्रकारों और प्रशासन के बीच ठन गई और मीडियाकर्मियों ने इस बात पर जमकर आक्रोश व्यक्त किया था। उक्त घटना के तीन दिनों के बाद भी प्रशासनिक अमले ने चुप्पी साध रखी थी, जिस पर समस्त मीडियाकर्मियों ने शुक्रवार को एकजुटता दिखाते हुए काली पट्टी बांधकर अपना विरोध जारी रखा था।
तीन दिन पूर्व 3 अगस्त को नगर निगम कार्यालय में निगम अध्यक्ष (सभापति) चुनाव का कवरेज करने के लिए समस्त मीडिया साथी पहुंचे थे। जहां अनाधिकृत लोगों जिसमें विधायक पुत्र, महापौर पति, पार्षद पतियों का कार्यालय में प्रवेश जारी था। लेकिन सभी मीडियाकर्मियों के साथ पक्षपात करते हुए उन्हें कवरेज करने से रोका गया था। साथ ही कुछ हठकर्मी अधिकारियों ने अपने पद का दुरूपयोग करते हुए देश के चौथे स्तंभ की आवाज को दबाने का पूरा प्रयास किया। समस्त मीडियाकर्मियों ने जिला प्रशासन के अधिकारी जो निर्वाचन कार्य में उपस्थित थे, उन्हें इस बात से अवगत कराया गया। लेकिन किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने मीडियाकर्मियों की नहीं सुनी और उनकी घोर उपेक्षा की थी। इसके बाद समस्त मीडियाकर्मियों ने जिला प्रशासन की समस्त खबरों का बहिष्कार किया है। उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी मीडिया के साथ ऐसा व्यवहार होता रहा है। घटना के तीन दिन बीत जाने के बाद भी प्रशासन के आला अधिकारियों की चुप्पी को लेकर मीडियाकर्मियों ने शुक्रवार को एकजुट होकर काली पट्टी बांधकर एक बार फिर अपना विरोध दर्ज करवाया। उल्लेखनीय है कि इस बात को लेकर पत्रकार पहले दिन से ही सरकारी समूह के सारे वाट्सअप ग्रुप छोड़ चुके है और अपनी खबरों में प्रशासनिक खबरों को कोई स्थान नहीं दे रहे है।