देवास। डेढ़ वर्षीय बालिका की रविवार दोपहर को निजी अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी। बच्ची की मौत के बाद परिजनों ने निजी अस्पताल पर लापरवाही के आरोप लगाए है। परिजनों का कहना था कि बच्ची को उल्टी होने पर हम उसे अस्पताल लेकर आए थे जहां डॉक्टरों ने उसे तीन-चार इंजेक्शन लगाए उसके कुछ देर के बाद बच्ची को झटके आए और उसकी मौत हो गई थी। इस संबंध में अस्पताल के डॉक्टर का कहना है कि उपचार के दौरान उसे झटके आने लगे तो हमने झटके का भी उपचार भी किया। कुछ देर के बाद बच्ची की मौत हो गई।
शहर के कर्मदीप चौराहा स्थित निजी अस्पताल में डेढ़ वर्षीय बच्ची महक पिता अजय चटर्जी निवासी उपाध्याय नगर की रविवार को उपचार के दौरान मौत हो गई थी। जिसमें परिजनों ने डॉक्टरों पर लारपवाही के आरोप लगाए है। बच्ची के पिता अजय चटर्जी ने बताया कि रविवार सुबह करीब 11 बजे उसकी अचानक से तबीयत खराब हुई और उल्टी होने पर बालिका को हम पास ही निजी अस्पताल लेकर आए थे। जहां डॉक्टरो ने हमें कुछ देर बैठाकर रखा। उसके बाद किसी डॉक्टर को विडियो भेजकर उपचार शुरू किया। इसके बाद बच्ची को आईसीयू में ले गए और तीन से चार इंजेक्शन लगाए थे। जिसके बाद दोपहर में उपचार के दौरान मौत हो गई थी। सोमवार को परिजन अस्पताल गए जहां बच्ची को दिए गए उपचार की फाइल लेनी थी, किंतु अस्पताल प्रबंधन टीम ने बताया कि परिजनों ने बकाया शुल्क जमा नहीं किया तो उन्हें फाइल नहीं दी थी। इस पर परिजन सिविल लाइन थाने पर पहुंचे और इस संबंध में उन्होनें पुलिस को शिकायत की जिसके कुछ देर के बाद परिजनों को फाइल अस्पताल प्रबंधन टीम के द्वारा दी गई थी।
इस संबंध में डॉ. अनुपम जैन शिशुरोग विशेषज्ञ ने बताया कि गंभीर हालत में परिजन बच्ची को लेकर आए थे। जिसका अस्पताल में मौजूद डॉक्टर चेतन पटेल ने प्राथमिक उपचार शुरू किया था। उपचार के दौरान उसे झटके आने लगे तो हमने झटके का भी इलाज किया। कुछ देर बाद इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई। डॉक्टर के अनुसार संभवत: आहार नली में कुछ फंसने से बच्ची मृत्यु हो सकती है।