देवास। तीन बच्चों की माँ की दुर्घटना में मौत होने के बाद पिता की कोरोना से मौत हुई थी। उसके बाद बच्चे अपने चाचा के साथ कोविड सर्टिफिकेट बनाये जाने व कोविड में हुई हानि के लिए आर्थिक सहयोग के लिए जनसुनवाई में पहुंचे जहां एसडीएम को अपनी पीड़ा बताई। बताया गया है कि बच्चों की माता का निधन पूर्व में हो चुका है और ऐसे में पिता का साया भी बच्चों पर नहीं है।
कोविड ने काल बनकर हर घर में किसी ना किसी को छीन लिया है। जहां आर्थिक मदद इस चीज से कुछ उभरने में काम आ रही है। कोविड में मृत लोगों के लिए बनाई गई 50 हजार की अनुशंसा राशि के लिये लोग दर-दर भटक रहे है। जिले में कई ऐसे बच्चे है जिनके माता पिता कोविड में जा चुके है और अब इस दुनिया में नहीं है। ऐसे ही बिन माता पिता के बच्चे अब अधिकारियों के दरवाजे खटखटा रहे है। सर्टिफिकेट नहीं होने के चलते उन्हें सहायता राशि के लिए भटकना पड़ रहा है। कैलादेवी क्षेत्र के जय बजरंग नगर निवासी तीन बच्चे अपने चाचा गजेन्द्र धुरिया के साथ कलेक्टर कार्यालय जनसुनवाई में कोविड सर्टिफिकेट बनाये जाने व कोविड में हुई हानि के लिए आर्थिक सहयोग के लिए पहुंचे और एसडीएम को इस संबंध में आवेदन दिया। जहां उन्हें सिर्फ आश्वासन मिला।
जिला अस्पताल से डॉक्टरों से मिलने के लिए कहा
मामले को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों ने सिर्फ बच्चों को सहायता राशि का सहयोग मिलने का आश्वासन दिया है। तीनों बच्चे छोटे-छोटे हैं। जो अब अपने दादा व चाचा के साथ रह रहे है। वहीं माता-पिता नहीं होने पर उन्हें पढऩे व जीवनयापन करने में आर्थिक समस्याएं आ रही है। कोविड से मिलने वाली सहयोग राशि के लिए सर्टिफिकेट ना होने के चलते बच्चों को अब कुछ समय और रूकना पड़ेगा। बच्चों के बड़े चाचा गजेन्द्र कुमार धुरिया ने बताया कि महिला बाल विकास विभाग की 5 हजार वाली योजना चल रही है उसका लाभ बच्चों को मिला है। अभी आश्वासन दिया है यहां से कि जिला अस्पताल से डॉक्टरों से मिलने के लिए कहा गया है।