प्रसूता से रूपयों की मांग करने पर कलेक्टर ने की सख्त कार्रवाई…….

देवास। जिला चिकित्सालय में हालत बद से बदतर होते जा रहे हैं। अस्पताल की हालत है कि वहां कोई प्रसूता प्रसूती के लिए आती है तो वहां के डॉक्टरों के लिए मानो तो कोई नया ग्राहक आ जाता है। प्रसूता और उसके परिजनों से रूपयों की मांग आए दिन की जाती है। ऐसे कई प्रकरण सामने आए लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो पाई। पिछले ही दिनों अस्पताल में एनेस्थेटिक डॉक्टर ना होने की वजह से एक प्रसूता से 6 हजार रूपयों की मांग की गई थी। जिसकी शिकायत प्रसूता के परिजनों ने जिला पंचायत सीईओ को की जिस पर कलेक्टर ने सख्त कार्रवाई की है। कहा जाए तो पिछले वर्ष ही अस्पताल का कायाकल्प किया गया है, ऐसी स्थिति में ऐसा कायाकल्प क्या दिखा रहा है वह समझा जा सकता है। फिलहाल स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही एवं अनुशासनहीनता बरतने तथा अपने कर्तव्य का सही तरीके से निर्वहन नहीं करने पर कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला ने चार डॉक्टरों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं तथा एक डॉक्टर के निलंबन हेतु आयुक्त उज्जैन को प्रस्ताव भेजा है तथा एक नर्सिंग ऑफिसर को निलंबित किया है।


जिला चिकित्सालय में प्रसूता से 6 हजार रूपयों मांगे जाने की शिकायत पर कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला ने चार डॉक्टरों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। जिनमें सीएमएचओ डॉ. एमपी शर्मा, सिविल सर्जन डॉ. वीके सिंह, आरएमओ डॉ एमएस गौसर, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. शोभा राणा को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। इसके साथ ही स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर साधना वर्मा के निलंबन हेतु आयुक्त उज्जैन को प्रस्ताव भेजा है तथा नर्सिंग ऑफिसर मधु वर्तवाल को निलंबित किया है। कलेक्टर श्री शुक्ला ने कहा है कि स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, जो भी लापरवाही करेगा उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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