देवास। कर्ज से परेशान होकर एक कियोस्क संचालक ने दुकान पर फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और शव जिला अस्पताल पहुंचाया गया। जहां पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया गया। बताया गया है कि मृतक ने चिटफंड कंपनी में बड़ी रकम लगाई थी उसके लिए बैंक से लोन भी लिया था लेकिन चिटफंड कंपनी ने उसके साथ धोखाधड़ी की और बैंक के कर्ज से परेशान था। वहीं बैंक वाले भी मृतक पर दबाव बना रहे थे जिस पर उसने आत्महत्या कर जीवन लीला समाप्त कर ली।
एबी रोड़ पर बैंक कियोस्क संचालित करने वाले रितेश पिता दत्तात्रय देशमुख उम्र ४२ निवासी विश्वकर्मा नगर ने अपनी दुकान पर बीती रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। जब रितेश देर रात तक अपने घर नहीं पहुंचा तो परिजनों का चिंता हुई। जिस पर परिजन दुकान पर पहुंचे जहां दुकान में रितेश फांसी पर लटकता हुआ मिला। बताया जा रहा है कि रितेश कोरोना के पहले तक अतिथि शिक्षक के रूप में पढ़ाते थे उनकी कोतवाली थाने के समीप एक कोचिंग भी थी जो कोरोना के बाद बंद हो गई थी। उनकी एबी रोड़ पर कियोस्क दुकान भी थी जहां बैंक से संबंधित कार्य करते थे। कोतवाली पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले को जांच में लिया है।
चिंटफंड कंपनी में लगा रखे रुपए
मृतक के पिता दत्तात्रय देशमुख ने बताया कि रितेश ने दो वर्ष पहले इंदौर की एमएमटीसीएस लुपचुप चिटफंड कंपनी में रुपए लगाए थे। जिसके लिए बैंक से लोन भी लिया था। कुछ कर्ज वह धीरे-धीरे उतार भी चुका था। कल रात ९ बजे तक रितेश से आखरी बार बात हुई थी। देर रात को वह घर नहीं पहुंचा तो मैं दुकान पर गया था लेकिन दुकान के सामने वाहन देखकर में वापस घर आ गया। मंैने सोचा वाहन यहां रखकर कही गया होगा। दुकान के सामने लगे सीसीटीवी कैमरों में रितेश दिखाई दिया उसके बाद उसने अंदर से दुकान बंद कर ली। संभवत: उसने उसी दौरान फंासी लगाई होगी। मृतक का एक बेटा और एक बेटी है।
बैंक मृतक पर बना रही थी दबाव
मृतक के परिजनों ने बताया कि एक प्राइवेट बैंक से २५ लाख रूपए का लोन था बैंक के लोग रितेश पर परस्पर दबाव बना रहे थे। कुछ कर्जा तो रितेश ने उतार दिया था। किंतु करीब १८-१९ लाख रूपए का कर्ज और था। वहीं इंदौर की एमएमटीसीएस लुपचुप चिटफंड कंपनी के लोगों ने भी कोई पैसा नहीं दिया और धोखाधड़ी की गई है।