पालनगर के पहाड़ी क्षेत्र स्थित खेतों में दिखाई दिए तेंदुए के पगमार्क…….

देवास। कुछ दिनों पूर्व माताजी टेकरी पर लकड़बग्गा दिखाई देने के बाद वन विभाग की टीम ने काफी मशक्कत कर उसे पकड़ा और जंगल में छोड़ा था। अब शहर के पालनगर-नागदा क्षेत्र में तेंदुए को देखे जाने की सूचना मिली है, साथ ही उसके पगमार्क खेतों में मिले हैं। क्षेत्रीय किसान के मुताबिक आसपास नीलगाएं अधिक है उनका शिकार करने के लिए तेंदुआ यहां आया होगा। वैसे इस बात की सूचना वन विभाग को दे दी गई है।


शहर से लगे पालनगर-नागदा क्षेत्र के कुंडाल पहाड़ी क्षेत्र में जंगली जानवर की आहत के बाद किसान खेतों में सिंचाई करने से घबरा रहे है। किसानों में जंगली जानवर को लेकर दहशत का माहौल है। क्षेत्रीय किसान रामसिंह ने बताया कि बीती रात नील गाय का शिकार करने के उद्देश्य से एक जंगली जानवर गेहूं के खेतों में बैठा हुआ दिखाई दिया। जो तेंदूए जैसा प्रतीत हो रहा था। गेहूं के खेतों में जंगली जानवर के पगमार्क भी मिले है। वहीं इस संबंध में किसान राजेश पटेल ने बताया कि उन्हें कल देर रात करीब 9.30 बजे रामसिंह का फोन आया था उस दौरान वह नीलगायों को भगा रहा था और उसी दौरान उसे टार्च की रोशनी में तेंदुआ दिखाई दिया था। उन्होनें बताया कि गत पांच वर्ष पूर्व भी एक बाघ इसी क्षेत्र में आया था और अब तीन वर्ष के बाद तेंदुआ दिखाई दिया है। उन्होनें बताया कि इस बात की सूचना वन विभाग को क्षेत्रीय पूर्व पार्षद अर्जुन चौधरी ने की है।


किसान खेतों में जाने से डर रहे
पालनगर के कृषक बहादुर पटेल सहित अन्य किसानों ने बताया कि वर्तमान में गेंहू की फसल में सिंचाई का कार्य जोरों पर है। जंगली जानवर की आहत से अब क्षेत्र के किसान पहाड़ी क्षेत्रों से लगे खेतों में जाने से डर रहे है। पिछले दो दिनों से जंगली जानवर आसपास के किसानों को रात्रि के समय दिखाई दे रहा है। जिसकी सूचना हमनें पूर्व पार्षद अर्जुन चौधरी को दी उसके बाद वह मौके पर जंगली जानवर के पगमार्क देखने पहुंचे थे।


वन विभाग को सूचना दे दी है
पूर्व पार्षद अर्जुन चौधरी ने बताया कि जंगली जानवर पालनगर के आसपास क्षेत्रों में दो दिनों से सिंचाई करने वाले किसानों को दिखाई दे रहा है। जिसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को कर दी है।


पांच वर्ष पहले दिखा था बाघ
क्षेत्र में पालनगर-नागदा पहाड़ी क्षेत्र से लगे खेतों में पांच वर्ष पूर्व बाघ का मुवमेंट भी दिखाई दिया था जिसे पकडऩे के लिए वन विभाग की टीम ने एक माह तक प्रयास किए थे, लेकिन वह पकड़ में नहीं आया था। अब एक बार फिर से क्षेत्र में जंगली जानवर की आहत से किसान दहशत में है।

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