देवास । उत्तर प्रदेश की तर्ज पर अब मध्यप्रदेश में भी पत्रकारों के ऊपर पुलिस का डंडा चलने लगा है। लगता है भाजपा के राज में लगातार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।
ताजा मामला देवास का है जहां पर पिछले दिनों कैला देवी चौराहे पर स्थित शराब के अहाते में एक भाजपा नेता के झगड़े का वीडियो वायरल हुआ था। आरोप है की वीडियो वायरल होने के बाद उसी रात भाजपा नेता विजेंद्र राणा कैला देवी चौराहे पर राजा टावर के समीप स्थित एक मीडिया के कार्यालय में घुस गए और वहां पर वाद विवाद कर तोड़फोड़ की। इस दौरान कार्यालय में आईबीसी 24 चैनल के संवाददाता मोहनीश वर्मा भी मौजूद थे। उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गया।
मोहनीश ने शुक्रवार को औद्योगिक क्षेत्र थाने में मारपीट का प्रकरण भाजपा नेता के खिलाफ दर्ज करवाया, उसके डेढ़ घंटे बाद पुलिस ने पत्रकार के खिलाफ ही मारपीट और एट्रोसिटी एक्ट के तहत उल्टा मुकदमा दर्ज कर दिया। बताया जा रहा है कि मामले में एक विधायक और भाजपा नेताओं के कहने पर पुलिस ने यह प्रकरण पत्रकार पर दर्ज किया है।
अब सवाल यह उठ रहे हैं कि जब स्वयं भाजपा नेता ही मीडिया कार्यालय में घुसे थे तो पत्रकार ने क्या अपराध कर दिया? पुलिस ने मामले की छानबीन किए बिना पत्रकार पर एट्रोसिटी एक्ट लगा दिया।
पुलिस द्वारा की गई इस कार्रवाई पर प्रेस जगत में रोष व्याप्त है और इस घटना के विरोध में पत्रकार लामबंद होकर आंदोलन भी कर सकते हैं।