इस वर्ष भाद्रपद शुक्लपक्ष जो 08 सितंबर 2021 से आरंभ होगा वह 13 दिन का होगा । जब भी कोई पक्ष 13 दिन का होता है तब कियी बड़ी घटना के संकेत देता है । यह अनिष्ट का सूचक होता है एवं प्रजा के लिये हानिकारक होता है । शास्त्रों में लिखा है ऐसा योग अनेक युगों में मक बार बनता है ।
ष्अनेक युग साहस्त्रयं देवयोग प्रजायते ।
त्रयोदश दिने पक्षे स्तदासंहरतेजगत् ।।
इसका अर्थ है ऐसा पक्ष अनेक युगों में मक बार आता है और यह प्रजा का नाश करने वाला होता है ।
अब यहां अनेक युगों वाली बात में कुछ सत्यता मालूम नही पड़ती है। ऐसा कह सकते है कि ऐसा संयोग लम्बे समय में बनता है वर्तमान में संवत 2078 में यह संयोग भाद्रपद शुक्ल पक्ष में यह संयोग बन रहा है । इससे पूर्व में संवत 2067 में वैशाख शुक्लपक्ष में , संवत 2062 में कार्तिक शुक्लपक्ष में , 2050 में अषाढ़ में , 2030 में अश्विन शुक्ल पक्ष में और भी पूर्व में ऐसा हो चुका है ।
इस विशेष 13 दिन के पक्ष को खास इसलिये माना जाता है कि पूर्व में यह महाभारत युद्व के समय भी आया था एवं बहुत जनहानि हुई थी । इस समय में खास यह है कि 06 सिंतबर से मंगल कन्या राशि में भ्रमण करेंगे व मंगल राहू की दृष्टि में होंगे जो एक विस्फोटक स्थिति होगी ।
यह भारत के उत्तरी एवं पश्चिमी हिस्से के लिये विशेष रूप से एवं दक्षिण व उत्तर पूर्वी हिस्से के लिये आंशिक रूप से कष्टकारी होगा । विदेश में चीन, पाकिस्तान, रूस , ब्रिटेन , फ्रांस , तुर्की , अफगानिस्तान , ईराक एवं ईरान के लिये कष्टकारी समय होगा ।
अफगानिस्तान में इसकी इबारत लिखी जा चुकी है , इस समय मंगल अस्त भी होंगे , राहू की दृष्टि में भी होगे व गुरू , शनि की युति भी होगी व गुरू, शनि भी राहू की दृष्टि में होंगे । इस बिकट समय को काटने में बड़ी कठिनाइयां रहेंगी ।
इस तरह का पक्ष महाभारत के महायुद्ध के समय भी आया था जो 13 दिन का पक्ष था एवं उस समय भी एक विपुल मानव सभ्यता का विनाश एवं जन हानि हुई थी इस बार भी विपुल जनहानि के योग है ।
ज्योर्तिविद कालज्ञ पं. संजय शर्मा
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ज्योतिष लेखक, ज्योतिष एवं वास्तु परामर्ष , रत्न विशेषज्ञ , प्रेरक (मोटीवेटर)
कलर थेरेपिस्ट एवं औरा रीडर
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