फायदा मेडिकल के संचालक को बेचे थे दो इंजेक्शन
इंदौर और उज्जैन के कुछ लोगों के शामिल होने की आशंका
देवास। कोरोना महामारी में लोग अपनों की जान बचाने के लिए सभी प्रकार के प्रयास कर रहे है। वही कुछ ऐसे लोग भी है जो इस आपदा में भी अवसर को ढूढने से बाज नही आ रहे है। कोरोना महामारी के दौरान सबसे ज्यादा ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की आवश्यकता हो रही है। इसी का कुछ अवसरवादी लोग फायदा उठा रहे है। कोरोना महामारी के दौरान अस्पताल मंदिर है और यहा के डॉक्टर और नर्स भगवान का रूप है। लेकिन इस अस्पताल रूपी मंदिर में भी नर्स और कंपाउंडर आपदा में अवसर तलाशने में पीछे नही है। ऐसा ही वाक्या देखने को मिला है जिसमे प्राइम हॉस्पिटल की नर्स और कंपाउंडर उत्कृष्ट विद्यालय के पास रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते पकड़ाए। एसपी डॉ शिव दयाल सिंह ने पत्रकारवार्ता में रेमडेसिविर इंजेक्शन और दवाइयों की कालाबाजारी करने के मामले में गिरोह के 3 लोगों को पकड़ने का खुलासा किया। दरअसल कोतवाली थाना टीआई उमरावसिंह को मुखबिर से सूचना मिली थी की प्राइम हॉस्पिटल के कर्मचारी रेमडेसिविर की कालाबाजारी कर रहा है। इसी आधार पर मुखबिर को ग्राहक बनकर पहुंची और दोनों से सौदेबाजी की। 27 हजार रुपए में एक इंजेक्शन देना तय हुआ था। जैसे ही इंजेक्शन लेकर आए पुलिस ने प्राइम हॉस्पिटल की नर्स पूजा पिता देवीसिंह कलासिया 20 वर्ष निवासी ग्राम बारोली थाना सोनकच्छ हालमुकाम राजाराम नगर, देवास और कंपाउंडर अंकित पिता राजाराम पटेल निवासी मेंढकीचक, देवास को पकड़ा है। कोतवाली पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि इंदौर और उज्जैन के कुछ लोग भी इस गिरोह में शामिल है। फिलहाल कोतवाली पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ मप्र ङ्रग कंट्रोल सहित अन्य धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया है। पुलिस इनके खिलाफ रासुका के तहत भी कार्रवाई करेगी।पुलिस को पूजा ने पूछताछ में बताया कि नावेल्टी चौराहे पर स्थित फायदा मेडिकल स्टोर से संचालक रूद्र पिता भगवती तिवारी निवासी मुक्ति मार्ग को 5 दिन पहले दो रेमडेसिविर इंजेक्शन 22 हजार और 25 हजार रुपए में बेचा था। पुलिस को आशंका है कि इस गिरोह में अन्य लोगों के साथ हॉस्पिटल के लोग भी शामिल है।