महाराष्ट्र के यवतमाल में पोलियो ड्रॉप वैक्सीनेशन में घोर लापरवाही सामने आई है. यहां पर पांच साल से कम उम्र वाले 12 बच्चों को तब अस्पताल में भर्ती कराना पड़ गया, जब सोमवार को उन्हें पोलियो ड्रॉप की जगह हैंड सैनिटाइज़र पिला दिया गया. यवतमाल जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीकृष्णा पांचाल ने इसकी जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि अस्पताल में भर्ती बच्चे अब ठीक हैं और इस घटना से जुड़े तीन कर्मचारियों- एक स्वास्थ्यकर्मी, एक डॉक्टर और एक आशा वर्कर को निलंबित किया जाएगा. पांचाल ने सोमवार को ANI को बताया, ‘यवतमाल मेंपांच साल की उम्र से कम के 12 बच्चों को पोलियो ड्रॉप की बजाय हैंड सैनिटाइज़र दे दिया गया था. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अब वो ठीक हैं. एक स्वास्थ्यकर्मी, एक डॉक्टर और एक आशा वर्कर को निलंबित किया जाएगा. इस मामले की जांच चल रही है.’
यह घटना तब सामने आई है, जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 30 जनवरी को राष्ट्रपति भवन में पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए साल 2021 में नेशनल पोलियो इम्यूनाइज़ेशन ड्राइव लॉन्च किया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत पिछले एक दशक से पोलियो मुक्त है. आखिरी पोलियो का केस देश में 13 जनवरी, 2011 को दर्ज किया गया था. हालांकि, भारत पड़ोसी राज्यों, जैसे कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान, जहां पोलियो अभी भी समस्या है, वहां से इसके भारत में फिर से शुरू होने की आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए अपने ड्राइव को लेकर सतर्क रहता है.